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Monday, December 28, 2015

या आप जानते हैं बिना शादी यदि कोई स्त्री-पुरुष साथ रहते हैं या पति-पत्नी की तरह संबंध बनाते है तो इस रिश्ते को क्या कहते हैं? यदि नहीं तो यहां दिए गए फोटो पर क्लिक करें और जानिए स्त्री-पुरुष के रिश्तों से जुड़ी खास बातें.

 या आप जानते हैं बिना शादी यदि कोई स्त्री-पुरुष साथ रहते हैं या पति-पत्नी की तरह संबंध बनाते है तो इस रिश्ते को क्या कहते हैं? यदि नहीं तो यहां दिए गए फोटो पर क्लिक करें और जानिए स्त्री-पुरुष के रिश्तों से जुड़ी खास बातें. 


पुरुषों के साथ स्त्री का नाजायज संबंध बनाने का कारणः

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अवैध संबंध 

सभी स्त्री-पुरुषों को यह पता होता है कि विवाह क्या होता है और जीवन में विवाह का क्या महत्व है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शादी स्त्री-पुरुष के बीच बंधने वाला वह बंधन है जो जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाता है। विवाह के बाद ही स्त्री-पुरुष पारिवारिक जीवन में प्रवेश करते हैं और वे पति-पत्नी बनते हैं। इसके बाद दोनों के मिलने से बच्चे का जन्म होता है जिससे संसार में मनुष्य का जीवन चक्र चलता है। 

समाज और परिवार के लिए विवाह के द्वारा ही पति-पत्नी एक हो जाते हैं लेकिन सेक्स वैज्ञानिकों के अनुसार शादी से केवल सामाजिक नियमों से पति-पत्नी बनते हैं, जबकि वास्तव में पति-पत्नी को आपस में बांधने का काम सेक्स संबंध करता है। सेक्स क्रिया से जब तक पति-पत्नी को पूर्ण आनन्द और चरम सुख प्राप्त नहीं होता तब तक पति-पत्नी के बीच संबंध मजबूत नहीं होते। 

पति-पत्नी के बीच जब कभी सेक्स संबंध में किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न होती है तो उसका असर वैवाहिक जीवन पर पड़ने लगता है। विवाह के समय एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की इच्छा रखने वाले पति-पत्नी का आपसी संबंध टूटने लगता है। 

पत्नी जो अक्सर पतिव्रता होने की बात करती है और वह पति के अलवा किसी दूसरे के बारे में सोचना भी पसंद नहीं करती, वही स्त्री सेक्स संबंधों में संतुष्टि न मिलने या अन्य सेक्स संबंधी कारणों से पति से दूर होने लगती है। ऐसी स्थिति में पति-पत्नी दोनों को चाहिए कि उन कारणों को पता लगाकर समाप्त करें जिनकी वजह से दोनों के बीच मनमुटाव उत्पन्न हुआ हो।

नाजायज रिश्ता

सेक्स विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर शोध करने से पता चला है कि कुछ समय पहले तक पति-पत्नी के बीच खराब संबंधों का कारण सेक्स संबंधों में किसी प्रकार की रुकावट मानते थे और यह कारण आज भी है लेकिन इसके अलावा भी अनेक ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से स्त्री पतिव्रता नहीं रह पाती है। इसका परिणाम यह होता है कि स्त्री अपने पति को छोड़कर किसी ऐसे पुरुष के पास चली जाती है जो उसकी इच्छाओं को पूरा कर सके। 

स्त्री चाहे किसी भी कारण से दूसरे पुरुष के पास जाती हो लेकिन यह बहुत ही चिंता का विषय है क्योंकि इससे न केवल पति-पत्नी, बल्कि परिवार और संस्कार की भी हानि होती है। स्त्री का किसी दूसरे पुरुष के पास जाना भारी चिंता का विषय है।

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स्त्रियों का दूसरे पुरुष के पास जाने के कारणः  

यह बात काफी समय से चली आ रही है कि सेक्स संबंधों के कारण पति-पत्नी के बीच विवाद पैदा हो जाता है। वैवाहिक जीवन में सेक्स संबंधों की आवश्यकता स्त्री-पुरुष दोनों को होती है। स्त्रियों में शुरू से ही लज्जा, शर्म और संकोच भरी रहती हैं और वैवाहिक जीवन के बाद भी वे सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं कर पातीं। 

यही कारण है कि स्त्री सेक्स का चरम सुख और पूर्ण आनन्द प्राप्त करने के बारे में स्वयं कुछ नहीं कहती। लज्जा, शर्म और संकोच उन्हें कुछ भी कहने से रोके रखती है लेकिन सेक्स एक ऐसी आग है जो भड़कने के बाद आसानी से शांत नहीं होती। कभी-कभी कुछ स्त्रियां ऐसी भी होती हैं जो अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए धन-दौलत को ठोकर मार कर ऐसे पुरुष के पास चली जाती हैं जो उसकी सेक्स इच्छा को पूरी कर सके। इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है।

सेक्स संबंधः

कल्पना की शादी दिनेश से हुई थी। दिनेश के पास काफी पैसा था और उसका कारोबार भी काफी बड़ा था। दिनेश घर में अकेला रहता था। कल्पना घर में अकेली रहती थी। जब दोनों की शादी हुई थी तब पहली बार दोनों ने सेक्स संबंध बनाया लेकिन पहली रात को ही कल्पना को पता चल गया था कि दिनेश शीघ्रपतन का रोगी है लेकिन दिनेश को इसके बारे में सोचने का समय ही नहीं था 

और न ही इस बारे में कोई कहने वाला था। अपने पति से सेक्स संबंधों में संतुष्टि न मिलने से वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगी। एक तो कल्पना घर में अकेली थी और घर में करने के लिए कोई काम भी नहीं था। कहीं घूमने के लिए दिनेश ने एक गाड़ी घर पर रख छोड़ी थी। जब भी कल्पना को कहीं जाना होता था वह ड्राइवर के साथ जली जाती थी। 
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इस तरह अपने पति से सेक्स संतुष्टि न मिलने से अधिक पैसा होने के बाद भी वह परेशान रहती थी। दिनेश अपने काम में इतना व्यस्त रहता था कि कल्पना को उससे बात करने का समय ही नहीं मिलता था। कल्पना के मन से दिनेश के प्रति प्यार खत्म होने लगा था और वह किसी ऐसे पुरुष के बारे में सोचने लगी थी जो उसे प्यार और सेक्स दोनों से संतुष्ट कर सके। कल्पना को कहीं भी ले जाने के लिए एक ड्राईवर था जिसका नाम दीपक था। रोजाना एक न एक बार कल्पना बाहर जाती थी और उसे दीपक ही ले जाता था। 

धीरे-धीरे कल्पना का दीपक के प्रति आकर्षण बढ़ने लगा। दीपक जवान और खूबसूरत था। कल्पना जब भी दीपक के साथ होती उसके मन में दबे सेक्स की इच्छा बढ़ने लग जाती, उसके अंग-अंग में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगती और वह दीपक को अजीब सी नजरों से देखने लगी। दीपक को भी ऐसा महसूस होने लगा था कि कल्पना के मन में उसके लिए आकर्षण बढ़ने लगा है। 

एक दिन किसी काम से कल्पना ने दीपक को गाड़ी लेकर घर पर आने को कहा। जब दीपक गाड़ी लेकर आया तो बरसात जोरों से होने लगी थी। उस दिन कल्पना ने जैसे ही दीपक को देखा कि उसके मन में सेक्स की इच्छा जा उठी और उसके पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौर गई। कल्पना ने दीपक को कमरे में बुलाया और दीपक के गले लग गई। कल्पना के इस तरह लिपटने और चुंबन करने से दीपक में उत्तेजना भर आई और वह अपने आपको रोक नहीं पाया। इसके बाद दोनों ने ही सेक्स संबंध बनाए। दोनों ने उस दिन सेक्स का भरपूर आनन्द उठाया। कल्पना को उस दिन सेक्स से जो शारीरिक व मानसिक सुख मिला वह पहले कभी नहीं मिला था। 

नाजायज रिश्ते

इसके बाद कल्पना को जब भी सेक्स संबंध बनाने की इच्छा होती दीपक को गाड़ी के बहाने से बुला लाती थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार बढ़ने लगा। एक दिन कल्पना ने मौका पाकर अपने घर से जितना हो सका उतने पैसे लेकर दीपक के साथ भाग गई। इसके बाद दोनों ने कहीं दूर जाकर शादी कर ली। इस तरह पति से प्यार न मिलने और सेक्स का अधूरापन स्त्री को दूसरे पुरुष के पास जाने पर मजबूर कर सकता है। 

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सेक्स के मामले में पुरुषों की मानसिकता अजीब होती है। पुरुष अक्सर स्त्री के साथ सेक्स करते समय स्वयं सेक्स का पूरा आनन्द लेना तो चाहता है जबकि वह कभी यह जानने कि कोशिश नहीं करता कि क्या इस सेक्स संबंध से स्त्री को आनन्द मिल पाया है, क्या वह इस सेक्स संबंध से संतुष्ट है। पुरुषों में इतना सेक्स का ज्ञान और क्षमता होना चाहिए कि वह सेक्स संबंध में स्त्री को आनन्दित और संतुष्ट कर सके। पुरुष को सेक्स के बारे में जितना ज्ञान होगा, वह उतना ही अच्छा सेक्स संबंध बनाने में कामयाब हो पायेगा। 

स्त्री के साथ ऐसा कुछ नहीं होता क्योंकि उसे सेक्स के लिए अपने आप को तैयार भी नहीं करना पड़ता। अनेक कारणों से पुरुष की सेक्स क्षमता प्रभावित होती है, जैसे लिंग में तनाव न आना, लिंग का जल्दी ढीला पड़ जाना और जल्द स्खलित हो जाना आदि। इन सभी सेक्स संबंधी समस्याओं से पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियां बहुत अधिक प्रभावित होती हैं। सेक्स संबंधों के दौरान जहां यह समस्या पुरुषों में अस्थायी तौर पर कभी-कभी आती है, वहां स्त्रियां सामान्य रुप से सहन कर लेती, लेकिन जब इस प्रकार की समस्याएं अक्सर सेक्स संबंधों के दौरान आती हैं तो स्त्रियों की स्थिति बिगड़ने लगती है। 


नाजायज संबंध बनाना

सेक्स संबंधों के दौरान इस तरह की समस्या आने पर वह जब तब अपने को रोक सकती है रोके रखती है लेकिन जब बर्दाश्त नहीं होता तो वह अपने आप को बहकने से रोक नहीं पाती और वह ऐसे पुरुष की ओर आकर्षित होने लगती है जो उसकी सेक्स इच्छाओं को पूरी कर सके। इस तरह स्त्री का किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनने का पता जब उसके पति को चलता है तो उनका वैवाहिक जीवन तो नष्ट होता ही है, साथ ही परिवार में झगड़ा व अन्य सामाजिक परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं।

अमेरिका में कैलीफोर्निया की एक अदालत द्वारा समलैंगिक विवाह संबंधों को वैध ठहराए जाने के बाद सवर्ोच्च रोमन कैथोलिक धर्मगुरु पोप बेनेडिक्ट 16वें ने दोहराया है कि सिर्फ स्त्री और पुरुष के बीच वैवाहिक संबंध नैतिक होते हैं।
 
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परिवारिक समस्याः

विवाह होने के बाद स्त्री-पुरुष का पारिवारिक जीवन शुरू होता है जिसमें समस्याएं उत्पन्न होना एक आम बात है। पुरुष बाहर का काम देखता है और स्त्री घर का काम देखती है। इस तरह पुरुष अक्सर बाहरी समस्याओं के कारण तनावग्रस्त रहता है जिसका परिणाम यह होता है कि वह स्त्री की इच्छा को समझ नहीं पाता है। 

 अक्सर जब पुरुष अपनी बाहरी समास्याओं से परेशान हो जाता है तो उसे गुस्सा और क्रोध आता है जिसे वह अपनी पत्नी पर उतारता है। इस तरह बाहरी समस्याओं के कारण रोज-रोज होने वाले झगड़े से स्त्री तनाव ग्रस्त रहने लगती है और परिणाम यह होता है कि उसमें अपने पति के साथ सेक्स संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। 

पुरुष अपनी परेशानियों की वजह से यह नहीं समझ पाता है कि स्त्री के लिए जितनी आवश्यकता सेक्स सुख का होता है, उतना ही प्यार भरी बातों और सम्मान का भी होता है। इसलिए पुरुष को चाहिए कि रात को पत्नी को सेक्स सुख देने के साथ-साथ दिन को भी प्यार से बाते करें। उसे अपने परेशानियों के बारे में बताएं और उससे सलाह लें। इससे पत्नी के मन में पति के प्रति विश्वास और प्यार बढ़ता है। 

नाजायज रिश्ते शायरी

पति द्वारा इस तरह के व्यवहार से कभी-कभी ऐसा होता है कि पति-पत्नी के बीच सेक्स संबंध तो रहता है लेकिन दोनों का आपसी प्यार समाप्त हो जाता है और दोनों के बीच झगड़े-लड़ाई होते रहते हैं। इस तरह पति-पत्नी के बीच प्रतिदिन होने वाली लड़ाई का परिणाम यह होता है कि पत्नी-पति के साथ प्यार से बाते करने को भी तरस जाती है। 

प्यार और सहानुभूति पाने के लिए स्त्री के मन में हमेशा बेचैनी सी बनी रहती है। इस तरह के माहौल में अक्सर स्त्री घुटन महसूस करने लगती है और वह अक्सर ऐसे साथी की तलाश में रहती है जो उसके अधूरे जीवन को पूरा कर सके और उससे सहानुभूति एवं प्यार पा सके।

संसार भर में स्त्रियों की स्थिति कमोबेश यही है, किंतु पुरुष की निर्दयता, स्वार्थ व मूर्खता के समानांतर कोई उदाहरण नहीं दिखता।"" उन्होंने स्त्री-पुरुषों को समान आधार पर वैवाहिक संबंध बनाने के लिए, बहुविवाह प्रथा पर रोक लगाने की माँग की।

नाजायज संबंध 

वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच कई कारणों से झगड़े होते हैं। इनमें से कुछ सामाजिक पाबंदी और रीति-रिवाज से जुडे़ होते हैं, जैसे- दहेज लेना या पत्नी को पैसे के लिए परेशान करना। इन कारणों से पति-पत्नी के बीच उत्पन्न तनाव और झगड़े अक्सर देखने को मिलते हैं। इस तरह की समस्याओं के कारण अक्सर कहीं न कहीं घटना घटती रहती है। सुरेश की शादी दीपा नाम की लड़की से हुई थी। 

उसे दहेज में अच्छे-खासे पैसे दिए गए थे लेकिन फिर भी वह अक्सर अपनी पत्नी (दीपा) को मारता-पीटता था और उसे अपने मायके से पैसे लाने के लिए कहा करता था। शादी के कुछ दिनों तक तो दीपा अपने पति सुरेश के व्यवहार को चुपचाप बर्दाश्त करती रही, लेकिन कुछ समय बाद उसके मन में सुरेश के प्रति मनमुटाव आने लगा। फिर क्या था, जब भी सुरेश दीपा को कुछ कहता तो दीपा भी उससे लड़ने लगती। इस तरह दोनों के बीचे अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते थे। एक दिन दोनों के बीच लड़ाई हो रही थी और फिर सुरेश दीपा को पीटने लगा। 

इसके बाद जब भी झगड़ा होता कि सुरेश दीपा को पीटने लगता। इस तरह बार-बार पिटने और झगड़ने का परिणाम यह हुआ कि एक दिन झगड़ा होने पर वह अपनी सहेली सुषमा के पास चली गई। वहां जाने के बाद दीपा ने अपने मन की सारी बाते सुषमा से कह दी जिससे उसे अपने मन में बड़ी शांति और सकून का अनुभव हुआ। 

दीपा की बातों को सुनने के बाद सुषमा और उसका पति ने दीपा के प्रति साहनुभूति और प्यार जताया। इस तरह जब कभी भी दीपा की लड़ाई उसके पति से होती तो वह भागकर अपनी सहेली के घर चली जाती। इस तरह बार-बार सुषमा के घर जाने और उसकी पति से मिले सहानुभूति और प्यार को देखकर दीपा का आकर्षण सुषमा के पति की और बढ़ने लगा। एक दिन जब सुरेश और दीपा के बीच पैसे के लिए झगड़ा हुआ तो सुरेश ने दीपा को खूब पीटा। 

इसके बाद जब सुरेश अपने काम पर चला गया तो दीपा भागकर सुषमा के घर चली गई। सुषमा अपने घर पर नहीं थी, लेकिन उसका पति वहीं था। उसने दीपा को अपने पास बैठाया और बड़े सहानुभूति और प्यार से बातें की। दीपा का सुषमा के पति की ओर आकर्षण पहले से ही था लेकिन उस दिन जब प्यार जताते हुए जैसे ही दीपा के शरीर पर हाथ रखा वैसे ही दीपा रोती हुई सुषमा के पति के गले लग गई। इस तरह प्यार भरी बातें सुनकर दीपा का मन शांत होने के साथ सेक्स की इच्छा भी जाग उठी। इसके बाद भूखे मन ने तन की भूख को भी बढ़ा दिया, फिर उस दिन दोनों ने ही शारीरिक संबंध बनाए। 

उस दिन के सेक्स संबंधों से दीपा को वह शारीरिक व मानसिक सुख प्राप्त हुआ जो उससे पहले कभी नहीं मिला था। इसके बाद जब कभी इच्छा होती दोनों मौका देखकर शारीरिक संबंध बना लेते। इस तरह सुरेश और दीपा के बीच पैसे के लिए हुए मनमुटाव और झगड़ों का ही परिणाम था कि दीपा प्यार के लिए दूसरे पुरुष के पास चली जाती थी और बार-बार उससे मिली सहानुभूति के कारण सेक्स संबंध बनाने की इच्छा जाग उठी थी।

पुरुष द्वारा पैसे के लिए लड़ाई करने, मारने-पीटने और अन्य तरह से परेशान करने का ही परिणाम होता है कि स्त्री किसी दूसरे पुरुष के पास चली जाती है। छोटी-छोटी बातों पर लड़ना, अपने तनाव को स्त्री के ऊपर रखना और उससे प्यार से बातें न करना आदि स्त्री को दूसरे पुरुष के पास जाने के लिए मजबूर करती हैं। 

अतः पुरुषों को चाहिए कि स्त्री के साथ प्यार से बाते करें और अपनी बाहरी परेशानी को स्त्री के ऊपर न रखें। 
5 पत्नी-प्राप्ति की विधियाँ; 6 विवाह के संख्यात्मक रूप; 7 वैवाहिक विधियाँ; 8 विवाह की अवधि तथा तलाक; 9 विवाह का भविष्य ... वैस्टरमार्क ने इसे एक या अधिक पुरुषों का एक या अधिक स्त्रियों के साथ ऐसा संबंध बताया है, जो इस संबंध को करने वाले ..
 

अयोग्य लड़का-लड़की का विवाहः

क्या शारीरिक संबध के बिना सुखी वैवाहिक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती? ... स्त्री शारीरिक संबंध पुरुष के करीब रहने के लिए बनाती है उसे उसके साथ सटकर सोना और दुलार दिखाना ज्यादा अच्छा लगता है और वह मानसिक तौर पर अपने पति से .
 
आज भी बहुत से गांव में छोटी उम्र की लड़की की शादी बड़े उम्र के आदमी से कर दी जाती है। मां-बाप लड़की की शादी करके सोचते हैं कि उसके सिर का बोझ उतर गया लेकिन वे यह नहीं जानते की इस तरह की शादी किसी लड़की के लिए कितना घातक है, शादी के बाद उस पर क्या बीतता है।

मनिलाल नाम का एक आदमी था जिसकी तीन बेटियां थी। उसकी एक छोटी सी दुकान थी। उस दुकान के पैसे से उसने अपनी दो बेटियों कि शादी तो कर ली लेकिन तीसरी बेटी की शादी के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। पैसे के अभाव में उसने अपनी बेटी की शादी एक बड़े उम्र के व्यक्ति से कर दी। 


नाजायज संबंध कैसे बनाते हैं?

मनिलाल की छोटी बेटी का नाम सपना था और वह 15 साल की होने वाली थी। उसकी शादी जिससे होने वाली थी, वह लगभग 35 साल का था और उसका नाम सुरेन्द्र था। सुरेन्द्र की एक शादी हो चुकी थी और पहली पत्नी मर चुकी थी। उस पत्नी से उसे दो बच्चे थे। सपना को जब यह पता चला कि उसकी शादी किसी बड़े उम्र के व्यक्ति के हो रही है तो उसके आंखों में आंसू आ गए। उसने अपने मन में पति के साथ अनेक सपने देखे थे जो एक पल में ही टूट गये। 

जब सपना की शादी हुई और वह अपने ससुराल आई और पहली बार सुरेन्द्र से सेक्स संबंध बनाया तो उसे पता चला कि उसका पति सेक्स के बारे में बिल्कुल अज्ञान है। काफी दिनों तक दोनों के साथ रहने के बाद भी जब कोई बच्चा न हुआ तो लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। एक दिन उसने सुरेन्द्र से इस बारे में पूछा तो पता चला कि उसने पहले ही नसबंदी करा रखी है। इसके बाद सपना के मन से सुरेन्द्र के लिए जो कुछ आदर भाव था वह समाप्त हो गया। 

वह अपने पति की ओर से बिल्कुल निराश हो गई थी। उसका मन अब उस घर में नहीं लग रहा था। एक दिन अचानक उसकी नजर पड़ोस में रहने वाले संदीप पर पड़ी। संदीप की शादी नहीं हुई थी। सपना अक्सर संदीप को देखती रहती थी और संदीप भी सुरेन्द्र को देखता रहता था। इस तरह दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए आकर्षण और प्यार बढ़ने लगा। एक दिन सुरेन्द्र किसी काम से बच्चों के साथ 2-3 दिन के लिए गांव से बाहर गया हुआ था घर में सपना अकेली थी। 

लेटों पुरुषों-स्त्रियों में केवल यह अंतर देखता था कि स्त्रियां पुरुषों की अपेक्षा शारीरिक रूप से कमज़ोर होती हैं और ... उसकी योजना के अनुसार, संरक्षक वर्ग के स्त्री-पुरुषों के वैवाहिक संबंध सामूहिक आधार पर हों: शासक-सैनिक वर्ग के अपने

उस रात सपना ने संदीप को अपने घर पर बुलाया और फिर दोनों ने पहली बार सेक्स संबंध बनाया। संदीप के साथ सेक्स क्रिया में सपना को इतना आनन्द मिला जितना पहले कभी नहीं मिला था। दोनों के बीच प्यार बढ़ने लगा और एक दिन सपना संदीप के साथ भाग गई। फिर दोनों मंदिर में शादी कर एक साथ रहने लगे। संदीप के साथ शादी करके वह बेहद खुश थी और इस खुशी का कारण था उसका मां बन जाना।

किसी भी लड़की की शादी समान उम्र के लड़के से न करना एक बहुत बड़ी समस्या है। लड़की की शादी चाहे छोटे उम्र के लड़के से हो या अधिक बड़े उम्र के लड़के से दोनों ही स्थिति में लड़की ही परेशान होती है। अयोग्य शादी के कारण पुरुष को तो सेक्स से संतुष्टि मिल जाती है लेकिन स्त्री को सेक्स से संतुष्टि नहीं मिलती। स्त्री को सेक्स संतुष्टि न मिलने के कारण स्त्री दूसरे पुरुष के साथ सेक्स संबंध बनाने पर मजबूर हो जाती है।

इसलिए सभी मां-बाप का कर्तव्य है कि वह अपनी लड़की को भार न समझ कर सही तरह से पालन-पोषण करें और उसकी शादी ऐसे लड़के से करें जो न केवल उसकी आयु का हो बल्कि उसके मन में लड़की के लिए प्यार और सम्मान की भावना भी हो। अधिक आयु वाले लड़के के साथ लड़की की शादी करना ही समाज में स्त्री को दूसरे पुरुष के पास जाने के लिए मजबूर करती है।

स्त्रियों की ऊंची महत्वकांक्षाः


वैवाहिक जीवन में प्यार के साथ-साथ शारीरिक संबंधों की जरूरत मर्द और औरत दोनों को ही होती है हालांकि सैक्स से ... पुरुष अक्सर स्त्री के साथ सेक्स करते समय स्वयं सैक्स का पूरा आनन्द लेना तो चाहता है जबकि वह कभी यह जानने कि .
 
अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से विवाह कर लेने या उसके साथ भाग जाने का कारण केवल समाजिक रीति-रिवाज, परिवारिक समस्या और यौन संबंधों में कमी ही नहीं है बल्कि स्त्री के मन में उत्पन्न इच्छा और आकांक्षाएं भी हैं। अच्छी सुख-सुविधा की इच्छा करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन उस इच्छा और कल्पना में अपनी वास्तविकता को भूल जाना मूर्खता है। 

आजकल अधिकांश लड़कियां अपनी इन्हीं इच्छाओं के कारण अनेक प्रकार की समस्याओं में फंस जाती हैं और गलत रास्ते पर चली जाती हैं। लड़कियां अक्सर सोचती रहती हैं कि काश मेरे पास भी पैसा, गाड़ी, बंगला होता है। मै भी नई-नई ड्रेस पहनती, बड़े होटलों में खाना खाती, बाहर घूमने जाती। आज लड़कियों में मॉडल बनने की होड़ सबसे अधिक है। 

इस तरह की इच्छा रखने वाली लड़कियां अक्सर अपने घर को छोड़कर भाग जाती हैं। ऐसी सोच रखने वाली लड़कियां कुछ यह सोचकर अपने मन को दिलासा देती रहती हैं कि पिता के घर से कुछ नहीं मिला तो क्या हुआ पति के घर तो मिलेगा लेकिन जब उसे पति के घर में भी वह सुख-सुविधा नहीं मिलती तो वह स्वयं ही उस साधन को प्राप्त करने की इच्छा बना लेती है जिसका परिणाम यह होता है कि स्त्रियां गलत राह पर चली जाती हैं।

ज्योति और रीमा दो बहने थी और दोनों ही कॉलेज में पढ़ती थी। उसके पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह उसे ऐशो-आराम दे सके। पिता ने दोनों को जैसे-तैसे ग्रेजुएट करवा दिया। दोनों के मन में भी सभी लड़कियों की तरह इच्छाएं बनने लगी थी लेकिन उसे पता था कि उसके पिता के घर से सभी सुख-सुविधा मिलना नहीं है। इसलिए वह ऐसे पति की कल्पना करने लगी जो उसे शारीरिक संतुष्टि के साथ-साथ उसकी सभी इच्छाओं को भी पूरी कर सके।

कुछ समय बाद बड़ी बहन ज्योति की शादी राकेश नाम के लड़के से हुई। राकेश एक कंपनी में सेल्समैन का काम करता था। इस काम में उसे जितने पैसे मिलते थे वह घर चलाने के लिए काफी होता था। लेकिन यह पैसा ज्योति की इच्छाओं को पूरी करने के लिए काफी नहीं था। वह सोच रही थी कि केवल राकेश के काम करने से उसकी इच्छा पूर्ण नहीं हो सकती। इसलिए ज्योति नौकरी की तलाश करने लगी। एक ऑफिस में उसे प्राइवेट सेक्रेटरी की नौकरी मिल गई। ज्योति को यह नौकरी उसकी सुन्दरता के आधार पर ही मिली। 

उस कम्पनी का बॉस बहुत बड़ा लड़कीबाज था और उसका नाम शक्ति था। ज्योति को देखते ही उसके मन में बुरे विचार आने लगे। कुछ दिनों में उसे ज्योति के बारे में सब कुछ पता चल गया। वह ज्योति को समय-समय पर पैसे दिया करता था। इसके बाद वह उसे महंगे उपहार देने लगा। दोनों कभी-कभी होटलों में खाना खाने जाते थे। इस तरह दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते देर न लगी। अब ज्योति का मन राकेश के लिए बदलने लगा था। 

राकेश जब भी ज्योति से बात करने की कोशिश करता वह मना कर देती। इसके बाद ज्योति अक्सर काम के बहाने 2-4 दिनों के लिए घर से बाहर चली जाती और शक्ति के साथ दोनों पति-पत्नी की तरह खूब ऐश करते।
कुछ समय तक दोनों इस तरह मौज करते रहे इसके बाद धीरे-धीरे ज्योति ने शक्ति से शादी की बात करनी शुरू कर दी। वह अक्सर सेक्स संबंधों के दौरान शक्ति को शादी के लिए कहती। शक्ति यह कहकर टाल देता कि पहले राकेश से तलाक ले ले। ज्योति राकेश से तलाक लेने के लिए तैयार हो गई और उसने राकेश से तलाक ले लिया। फिर दोनों एक साथ शक्ति के घर पर रहने लगे। 

एक सुबह जब ज्योति उठी तो उसने शक्ति को घर में कहीं न पाकर परेशान हो गई। वह ऑफिस में गयी तो पता चला कि वह अमेरिका चला गया है और उसके नाम का एक लेटर छोड़ गया है। ज्योति ने जब उस लेटर को खोलकर पढ़ा तो उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। उसे लेटर में लिखा था “प्यारी ज्योति मैं आज सुबह की फ्लाईट से अमेरिका जा रहा हूँ। मैने जितना समय तुम्हारे साथ बिताया है वह मुझे हमेशा याद रहेगा। मै कम्पनी के काम से अमेरिका से यहां आया था और यहां मेरा काम खत्म हो जाने के बाद में वापिस जा रहा हूँ।

 मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता था क्योंकि जो स्त्री अपने पति की न हो सकी क्या वह मेरी हो सकती है। जो मेरे पैसे को देखकर अपने पति का घर छोड़ सकती है, वह कल मुझसे अधिक पैसे वाले के लिए मुझे भी छोड़ सकती है”। इसके बाद ज्योति उस घर में अपनी किस्मत पर रोती रही। कुछ दिन बाद मकान मालिक ने घर भी खाली करवा दिया। इसके बाद वह कहां गई किसी को कोई पता नहीं। लेकिन यह बात सभी जान गए कि जो स्त्री लालच और अपनी इच्छा पूरी करने के लिए अपने घर को छोड़ती है, वह न तो घर की रहती है और न ही बाहर की।

विवाह के बाद जो स्त्री अपनी इच्छा और शौक के लिए घर से बाहर निकलती हैं, वह एक ऐसे दलदल की और पैर रखती है जिससे कभी भी नहीं निकला जा सकता। इसलिए सभी स्त्रियों को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए और ऐसी इच्छाओं एवं कल्पनाओं से बचना चाहिए जो उसके जीवन को नष्ट कर सकती हैं। स्त्री को अपने पति और बच्चों के साथ प्यार से रहना चाहिए और इसके सुख-दुख का भागीदार बनना चाहिए। इसमें ही जीवन का सच्चा आनन्द है। जो स्त्री इन सभी को छोड़कर कल्पनाओं में जीती है, उसका भविष्य कभी भी अच्छा नहीं होता। सभी स्त्री में बुरे से बुरे हालातों से लड़ने की शक्ति होनी चाहिए।

गर्भ निरोधक की उपलब्धि


गर्भ निरोधक योजनाओं के कारण स्त्रियों के लिए नाजायज संबंध बनाना आसान हो गया है। इसका कारण यह है कि पहले जब गर्भ निरोधक साधन उपलब्ध नहीं थे तो स्त्री गर्भ ठहरने के डर से नाजायज संबंध बनाने से डरती थी। कई बार ऐसा भी होता था कि लड़की विवाह से पहले ही सेक्स संबंध बना लेती थी और गर्भवती हो जाती है। इस तरह गर्भ निरोधक साधनों के बारे में पता न होने से उसके बारे में सभी को पता चल जाता है। कुछ स्त्रियां तो विवाह के बाद भी नाजायज संबंध बना लेती हैं और गर्भ ठहरने से रोकने का उपाय न होने से गर्भवती हो जाती हैं। इस समस्या से संबंधित एक कहानी है-
अनीता का विवाह हो गया था और उसका एक बच्चा भी था। अनीता का अफेयर ऑफिस में काम करने वाले नीरज नाम के युवक से था। दोनों अक्सर सेक्स संबंध बनाते थे और सेक्स का पूरा आनन्द लेते थे। दोनों के बीच शारीरिक संबंध का परिणाम यह हुआ कि अनीता गर्भवती हो गई। लेकिन अनीता को इसकी कोई चिंता नहीं थी क्योंकि वह विवाहित थी। इसलिए कोई उस पर नाजायज संबंध के बारे में शक नहीं करेगा। 2-3 दिन बाद अनीता ने मौका देखकर अपने पति को बताया कि वह फिर मां बनना वाली है। पति यह सुनकर चौंक गया और पूछा वह किसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर आई है। अनीता ने आराम से जबाव दिया तुम्हारे अलावा और कौन हो सकता है। इस पर पति ने कहा मै तो तुम्हे गर्भवती बना ही नहीं सकता। इस पर अनीता ने चौंककर पूछा क्यों क्या तुम मेरे साथ सेक्स नहीं करते हो। पति ने जबाव दिया सेक्स करता हूँ लेकिन तुम गर्भवती नहीं हो सकती। इस पर अनीता ने चौंककर पूछा क्यों? पति ने जबाव दिया क्योंकि दूसरे बच्चे के बाद मैने नसबंदी करवा ली थी। इसके बारे में मैने तुम्हें नहीं बताया। यह सुनकर अनीता की आंखे खुली की खुली रह गई। इसके बाद अनीता ने रोते हुए अपने नाजायज संबंधों की बाते स्वीकार कर ली और आगे से ऐसा न करने की कसम ली। इसके बाद अनीता हमेशा सेक्स संबंध के दौरान सावधान रहती थी और गर्भ निरोधक गोलियां अपने साथ रखती थी। गर्भ निरोधक गोलियों के कारण उसे अपने पति से डरने की जरूरत नहीं थी क्योंकि उसके शारीरिक संबंधों की पोल कभी नहीं खुलने वाली थी। इस तरह सेक्स को आनन्द का साधन मानने वाली स्त्रियां गर्भ निरोधक गोलियों के द्वारा दूसरे पुरुष के साथ सेक्स संबंध बनाने से नहीं डरती हैं। अक्सर पढ़ी-लिखी और समझदार स्त्री या युवती अपने साथ ऐसी परेशानियों से निपटने का साधन रखती है जो उन्हें गर्भ जैसी समस्याओं से बचाए रखती हैं।
यह बात काफी समय से चली आ रही है कि सेक्स संबंधों के कारण पति-पत्नी के बीच विवाद पैदा हो जाता है। वैवाहिक जीवन में सेक्स संबंधों की आवश्यकता स्त्री-पुरुष दोनों को होती है। स्त्रियों में शुरू से ही लज्जा, शर्म और संकोच भरी ...
 

पश्चिमी सभ्यताओं का प्रभावः

भारत देश की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार से आज जहां पूरी दुनियां प्रभावित हो रही है, वहीं हम अपने संस्कार और संस्कृति को छोड़कर पश्चिम देशों के संस्कृति को अपना रहे हैं। यहां के लोग अक्सर यह सोचते हैं कि इस देश में यदि पश्चिमी देशों की तरह नियम होते तो कितना मजा होता। सेक्स संबंध पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होती। पश्चिमी देशों में अधिकांश युवक-युवती सेक्स आनन्द प्राप्त कर चुके होते हैं। वहां स्त्री-पुरुष एक को छोड़कर दूसरे के साथ शादी कर लेते हैं। उनके वैवाहिक संबंध भी थोड़े दिनों में ही टूट जाते हैं। हाई सोसाईटी में इस तरह का व्यवहार आम होता जा रहा है। फर्क इतना है कि वे लोग इस तरह के नाजायज संबंध को उछालते नहीं हैं। विदेशों में अपनी पत्नियों की अदला-बदली भी करने का रिवाज है। वे लोग इसे बुरा नहीं मानते बल्कि अपनी इच्छा से सेक्स संबंधों में आनन्द के लिए अपनी पत्नियों को बदल लिया करते हैं। इस तरह के संबंधों का भारत जैसे देशों में आना अपने आप में स्त्री को दूसरे पुरुष के पास जाने के लिए उत्साहित करता है। अतः हमें अपने देश, संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को बचाने के लिए पश्चिमी देशों के प्रभावों से बचना चाहिए। यह न केवल स्त्री के लिए है बल्कि पुरुष के लिए भी है कि वे अपने को इस तरह के बुरे विचार और संस्कार से बचाकर रखें।